इंदिरा गाँधी नहर परियोजना
विश्व की सबसे बड़ी 649 किमी लंबी नहर ने राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र में हरित क्रांति को जन्म दिया, जो औद्योगिक क्रांति विकसित हुई और जिस सामाजिक क्रांति ने जन चेतना को जगाया, उसका श्रेय इंदिरा गांधी नहर को जाता है।
इंदिरा गांधी नहर परियोजना पश्चिमी राजस्थान की एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इस नहर का निर्माण बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह ने निर्माण करवाया था परियोजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य थार रेगिस्तान में पेयजल की आपूर्ति, बंजर भूमि का उपयोग और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आबादी को बसाना था। यह एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित नहर है। वर्तमान में इस परियोजना का विस्तार बाड़मेर के गडरा रोड तक कर दिया गया है।
इंदिरा गाँधी नगर परियोजना(Indira Gandhi Canal Project) की शरुआत
इंदिरा गांधी नहर को पहले राजस्थान नहर के नाम से भी जाना जाता है। इस नहर को बनाने का सुझाव सबसे पहले 1948 में बीकानेर के तत्कालीन सिंचाई अभियंता कंवरसेन ने दिया था। इस परियोजना के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद 1952 में सतलज और ब्यास के संगम पर हरिके बैराज बांध से काम शुरू हुआ।
इस नहर की कुल लंबाई 649 किमी है, जिसमें से 169 किमी पंजाब में, 14 किमी हरियाणा में और शेष राजस्थान में है।
इंदिरा गाँधी नहर का मुख्य उद्देश्य
इंदिरा गांधी नहर परियोजना(Indira Gandhi Canal Project) पश्चिमी राजस्थान की एक महत्वपूर्ण परियोजना है। इस परियोजना को लागू करने का मुख्य उद्देश्य थार रेगिस्तान में पेयजल की आपूर्ति, बंजर भूमि का उपयोग और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आबादी का निपटान था। यह एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित नहर है। वर्तमान में इस परियोजना का विस्तार बाड़मेर के गडरा रोड तक कर दिया गया है।
इस नहर से कृषि उपज में वृद्धि, अकाल की रोकथाम, बिजली उत्पादन, मत्स्य उद्योग, यातायात विकास, रेगिस्तान के विस्तार में बाधा और वृक्षों के विकास जैसी स्थितियां उत्पन्न हुई हैं। इन्हीं परिस्थितियों के कारण राजस्थान का यह मरुस्थलीय भाग आबाद राज्य बन गया है।
इंदिरा गाँधी नहर में लिफ्ट, नहरे और लाभान्वित जिले
इंदिरा गाँधी नहर परियोजना में लिफ्ट , नहरे और लाभान्वित जिले इस प्रकार है-
लिफ्ट नहरे | लाभान्वित जिले |
चौधरी कुंभाराम लिफ्ट नहर (नोहर – साहबा लिफ्ट नहर) | हनुमानगढ़ , चुरू , बीकानेर , झुंझुनूं |
कँवरसेन लिफ्ट नहर (बीकानेर – लूणकरणसर लिफ्ट नहर) | बीकानेर एवं गंगानगर। यह योजना की सातों लिफ्ट में सबसे लम्बी (151.64 किमी) लिफ्ट नहर है । |
पन्नालाल बारूपाल लिफ्ट नहर (गजनेर लिफ्ट नहर) | बीकानेर , नागौर। इस से निकलने वाली कानासर वितरिका से नागौर जिले व बीकानेर के कोलायत व नोखा के कुछ गाँवों को पानी दिया जाएगा। |
वीर तेजाजी लिफ्ट नहर (भैंरुदान छालानी (बांगड़सर) लिफ्ट नहर) | बीकानेर |
डॉ . करणीसिंह लिफ्ट नहर (कोलायत लिफ्ट नहर) | जोधपुर व बीकानेर |
गुरु जम्भेश्वर लिफ्ट नहर (फलौदी लिफ्ट नहर) | जोधपुर, बीकानेर एवं जैसलमेर |
जय नारायण व्यास लिफ्ट नहर (पोकरण) | जैसलमेर, जोधपुर |
इंदिरा गाँधी नहर की की विशेषताएं
इंदिरा गांधी नहर की विशेषताएं इस प्रकार हैं–
- यह एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित नहर है,
- इस नहर ने पश्चिमी राजस्थान की दशा व दिशा दोनों को बदल दिया है,
- इस नहर के माध्यम से 17.41 करोड़ हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जाएगा,
- यह नहर राजस्थान में मरुस्थल की गंगा सिद्ध हुई है,
- इंदिरा गांधी नहर ने अनेक लोगों को रोजगार प्रदान क्या हैं